कुंभ स्नान: क्या यह वास्तव में एक प्राकृतिक टीकाकरण है?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अहम शोध ने यह खुलासा किया है कि कुंभ स्नान एक प्रकार का प्राकृतिक टीकाकरण है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और हर्ड इम्युनिटी डेवलप करता है। यह रिसर्च बीएचयू, एनबीआरआई और एसएन त्रिपाठी मेमोरियल फाउंडेशन के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था, जिसमें उन्होंने 2013 और 2019 के कुंभ मेले में भी यही परिणाम पाया था। इस बार के महाकुंभ में भी वही शोध जारी है, और रिसर्च में अब यह पुष्टि हो चुकी है कि कुंभ स्नान शरीर में एंटीजन बनाने में मदद करता है, जिससे हर्ड इम्युनिटी विकसित होती है।
रिसर्च टीम के सदस्य डॉ. वाचस्पति त्रिपाठी ने बताया कि 2013 में प्रयागराज में कुंभ के दौरान 765 जल नमूनों का परीक्षण किया गया था और 1000 स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का भी अध्ययन किया गया। इस दौरान किडनी फंक्शन, लिवर फंक्शन, सीबीएस और टाइफाइड जैसी जांच की गई। शोध में यह सामने आया कि इन जल नमूनों में विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवाणु पाए गए और इम्युनोग्लोब्युलिन के स्तर में वृद्धि देखी गई, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है।
इस शोध के अनुसार, वह सभी श्रद्धालु और कल्पवासी जो महाकुंभ के छह प्रमुख स्नान—पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि—में शामिल हुए थे, उनकी प्रतिरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई। इसी वजह से वैज्ञानिक इसे एक प्रकार का “प्राकृतिक टीकाकरण” मानते हैं, जो हर्ड इम्युनिटी को बढ़ाता है और संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है। इस बार भी वही परिणाम सामने आ रहे हैं, और शोधकर्ता इसे एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रमाणित मानते हैं कि कुंभ स्नान वास्तव में शरीर के लिए एक अमृत पान जैसा
है।
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