गोवा में एसटी आरक्षण बिल पर बहस: सरकार की नीयत पर विपक्ष ने किया सवाल उठाना
गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण बिल लाने में हो रही देरी को लेकर विपक्षी सांसदों ने भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस सांसद विरियाटो फर्नांडिस और तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल समेत कई सांसदों ने सरकार पर एसटी समुदाय के लिए कोई ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाया।
विधानसभा में इस बिल पर बहस के दौरान फर्नांडिस ने कहा कि बिल लाने में सरकार की असली मंशा संदेहास्पद है। वहीं, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे विधानसभा में एसटी के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
विपक्ष की मांग
समाजवादी पार्टी के छोटेलाल ने सरकार से जातिगत जनगणना कराने की मांग की, जबकि कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने अमित शाह के पुराने बयान की निंदा की। प्रतिमा मंडल ने सरकार पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया, वहीं डीएमके सांसद ने जनगणना के आंकड़ों को अपडेट करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बीजेपी का समर्थन
बीजेपी सांसद केडी पटेल ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने एसटी समुदाय के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जिनमें हजारों एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल शामिल हैं।
चुनाव आयोग पर निर्भरता
बिल के अंतर्गत, चुनाव आयोग को विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को फिर से समायोजित करने की शक्ति दी जाएगी ताकि एसटी सीटों का आरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। यह गोवा विधानसभा में 40 सदस्यीय क्षेत्रों के परिसीमन को ध्यान में रखेगा।
सामग्री के संशोधित आंकड़ों के आधार पर, बिल जल्द ही कानून बन जाने से चुनाव आयोग को विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन को फिर से समायोजित करने की आवश्यक
ता उत्पन्न करेगा।
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