भारतीय नौसेना में शामिल होगा अत्याधुनिक सर्वेक्षण पोत ‘निर्देशक’ – आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम
भारतीय नौसेना आज एक नई उपलब्धि के साथ आगे बढ़ रही है। आज विशाखापटनम में नेवल डॉकयार्ड में इस सेवा की महत्वपूर्ण कमीशनिंग होगी, जहां रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ इस आयोजन की अध्यक्षता करेंगे। इस अवसर पर पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ भी उपस्थित होंगे।
स्वदेशी उत्पादन में बड़ी उपलब्धि
कोलकाता स्थित GRSE द्वारा निर्मित सर्वेक्षण पोत ‘निर्देशक’ में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो भारत की जहाज निर्माण क्षमता और आत्मनिर्भरता की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
तकनीकी विशेषताएं
यह 110 मीटर लंबा पोत लगभग 3800 टन का विस्थापन रखता है और इसे दो डीजल इंजनों से संचालित किया जाता है। इसमें अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक और महासागरीय सर्वेक्षण उपकरण मौजूद हैं।
‘लार्ज परियोजना’ के तहत दूसरा पोत
‘निर्देशक’ सर्वेक्षण पोत ‘लार्ज परियोजना’ का दूसरा जहाज है, जिसे समुद्री सर्वेक्षण, नौवहन सहायता और समुद्री संचालन में सहायता के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यह पुराने ‘निर्देशक’ का पुनर्जन्म माना जा रहा है, जिसने 32 साल तक भारतीय नौसेना में सेवा की और 2014 में सेवामुक्त हो गया था।
भविष्य की नौसेना में क्रांतिकारी परिवर्तन
भारतीय नौसेना के पास 2027 तक कई अत्याधुनिक युद्धपोत शामिल होंगे। इनकी सूची में शामिल है ‘अगली पीढ़ी की मिसाइल पोत’ (NGMV), जिसे कोचिन शिपयार्ड में निर्माण के स्टील कटिंग समारोह से शुरू किया गया है। इस पोत में 8 ब्रह्मोस मिसाइलें और 32 अन्य मिसाइलें शामिल की जाएंगी, जो किसी भी हवाई हमले से बचाव की क्षमता प्रदान करेंगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, इन विकसित प्रौद्योगिकियों के आने से चीन और पाकिस्तान के समक्ष समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में नई चु
नौतियां पेश होंगी।
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