मोहन भागवत का बड़ा बयान: भारत की एकजुटता में छिपा है दुनिया की समस्याओं का समाधान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को भारत की सांस्कृतिक ताकत और उसकी वैश्विक भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि भारत की एकजुटता दुनिया के संकटों का समाधान कर सकती है। केरल के वडयाम्बडी में आरएसएस की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू जीवन शैली सभी समस्याओं का समाधान और शांति प्रदान करती है।
भागवत ने कहा, “जो अपनी रक्षा नहीं कर सकते, उन्हें भगवान भी नहीं बचा सकते। हमें शक्ति, अनुशासन और ज्ञान के साथ अपनी मातृभूमि को मजबूत बनाना होगा।” उन्होंने आरएसएस के मिशन को रेखांकित करते हुए कहा कि संघ का उद्देश्य मानव विकास और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना है।
उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विविधता में एकता पर जोर देते हुए कहा कि यही भारत को एक ताकतवर राष्ट्र बनाती है। “भारतीय दर्शन सभी को जोड़ने की बात करता है। समस्याओं का समाधान भारत के भीतर ही मौजूद है।”
भागवत ने केरल की सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा करते हुए कहा कि आदि शंकराचार्य ने चारों कोनों में मठ स्थापित कर देश की एकता को मजबूत किया। वह 16 से 21 जनवरी तक केरल की यात्रा पर हैं, जहां वे संगठनात्मक गतिविधियों में भाग ले रहे हैं।
उनके इस बयान ने भारत की सांस्कृतिक और वैश्विक भूमिका पर चर्चा को फिर से केंद्र में ला
दिया है।
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