July 1, 2025

रूस की ओरेशनिक मिसाइल इन दिनों दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है, खासकर तब से जब 21 नवंबर को यूक्रेन के निप्रो शहर पर इसका पहली बार इस्तेमाल किया गया था। उस वक्त दावा किया गया था कि रूस ने इस जंग में पहली बार ऐसी इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल दागी है, जो परमाणु हमला करने में सक्षम है। अब, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मिसाइल की ताकत और प्रभाव को लेकर कई अहम खुलासे किए हैं, जिससे दुनिया भर में खलबली मच गई है।

पुतिन ने ओरेशनिक मिसाइल की तारीफ करते हुए दी नई जानकारी

कजाकिस्तान में कलेक्टिव सिक्योरिटी ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (CSTO) की बैठक के दौरान पुतिन ने ओरेशनिक मिसाइल की खूबियों का खुलासा करते हुए कहा कि इस मिसाइल का कोई मुकाबला नहीं है और वह आने वाले समय में भी ऐसा कोई हथियार नहीं देख रहे जो इसे टक्कर दे सके। पुतिन ने यह स्पष्ट किया कि ओरेशनिक मिसाइल मास डिस्ट्रक्शन (विनाश का विशाल स्तर) का हथियार नहीं है, लेकिन यह पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर हो रहे हमलों का मुंहतोड़ जवाब है।

पुतिन ने कहा, “ओरेशनिक के हमले से उस जगह पर हर चीज छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखर जाएगी। यह मिसाइल गहरे और बेहद सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम है।” उन्होंने कहा कि इसकी ताकत इतनी ज्यादा है कि यह परमाणु हथियारों के हमले से तुलना की जा सकती है, भले ही यह एक मास डिस्ट्रक्शन हथियार नहीं है।

सूर्य जैसी गर्मी पैदा करने की क्षमता

रूस की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओरेशनिक मिसाइल इतनी ताकतवर है कि इसका हमला सूर्य जैसी गर्मी पैदा कर सकता है। ओरेशनिक के विस्फोट से 4000 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बन सकता है, जो किसी भी इमारत को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए पर्याप्त है। यह मिसाइल अपने 6 वॉरहेड्स और ध्वनि से 10 गुना तेज रफ्तार के साथ दुश्मन के इलाके में प्रवेश करती है और किसी भी एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम से बचने में सक्षम है।

पुतिन ने यह भी बताया कि रूस अपनी किंझल सुपरसोनिक मिसाइलों का उत्पादन बढ़ा रहा है और भविष्य में अधिक ऐसी मिसाइलें बनाई जाएंगी। उनका दावा है कि रूस की यह मिसाइल तकनीक किसी भी ‘कस्टमर’ को निराश नहीं करेगी, और उनकी मिसाइलें बेहद प्रभावी और सटीक होंगी।

रूस की मिसाइलों के बारे में चौंकाने वाला खुलासा: 20 मिनट में लंदन, 15 मिनट में बर्लिन तक पहुँच सकती है ओरेशनिक

ओरेशनिक मिसाइल की विशेषताएं न केवल इसके हमले की शक्ति से जुड़ी हैं, बल्कि इसकी गति भी किसी को भी चौंका सकती है। रूस की ओरेशनिक मिसाइल लंदन और पेरिस जैसे प्रमुख यूरोपीय शहरों तक महज़ 20 मिनट में पहुंच सकती है, जबकि बर्लिन तक इसे केवल 15 मिनट का समय लगेगा। यह मिसाइल इतनी तेज़ है कि किसी भी विरोधी के पास इसका मुकाबला करने का मौका नहीं होगा।

ओरेशनिक मिसाइल का प्रभाव: अल्युमिनियम-लोहा तक पिघल सकता है

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओरेशनिक मिसाइल के हमले से पैदा होने वाली गर्मी इतनी ज्यादा होती है कि एल्युमिनियम और लोहा जैसे मेटल तक पिघल सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, एल्युमिनियम 600 डिग्री सेल्सियस पर पिघलने लगता है, और स्टील 1500 डिग्री सेल्सियस पर। लेकिन ओरेशनिक के हमले से उत्पन्न तापमान 4000 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है, जो इसे और भी ज्यादा घातक बनाता है।

पुतिन का पश्चिमी देशों के लिए कड़ा संदेश

पुतिन ने ओरेशनिक मिसाइल की ताकत और प्रभाव को बताते हुए कहा कि यह मिसाइल पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर किए जा रहे मिसाइल हमलों का स्पष्ट जवाब है। उनके अनुसार, यह मिसाइल न केवल रूस के सुरक्षा हितों की रक्षा करती है, बल्कि यह एक मजबूत संदेश भी भेजती है कि रूस किसी भी आक्रमण का मजबूती से जवाब देगा।

पुतिन का यह बयान और ओरेशनिक मिसाइल की विशेषताएं एक नई सैन्य शक्ति के उभार का संकेत देती हैं, जो दुनिया की शक्ति समीकरणों को बदल सकती हैं। अब यह देखना होगा कि पश्चिमी देश इस नई मिसाइल तकनीक पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, और क्या यह वैश्विक सुरक्षा नीति में कोई बड़ा बदलाव लाएगा।

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