July 1, 2025

अस्थमा और COPD के मरीजों के लिए मील का पत्थर: वैज्ञानिकों ने खोजा जीवन बदलने वाला इलाज

0

अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लाखों लोगों के लिए एक नई उम्मीद जगी है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने इन बीमारियों के इलाज में क्रांतिकारी खोज की है, जो पिछले 50 सालों में पहली बार अस्थमा और COPD से संबंधित समस्याओं का स्थायी इलाज करने में सक्षम हो सकती है। इस खोज ने न केवल चिकित्सा जगत को हैरान कर दिया है, बल्कि यह इन बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए जीवन बदलने वाला कदम साबित हो सकता है।

नया इलाज – इंजेक्शन से होगा राहत का चमत्कारी असर!

वैज्ञानिकों की एक रिसर्च टीम ने यह पाया है कि अस्थमा और COPD के इलाज में स्टेरॉयड दवाइयों के बजाय एक नया इंजेक्शन अधिक प्रभावी है। यह इलाज न केवल मरीजों को राहत पहुंचाएगा, बल्कि इसका असर दवाइयों से भी ज्यादा असरदार साबित हो सकता है। रिसर्च के अनुसार, अगर इस इंजेक्शन को प्रारंभिक अवस्था में ही लिया जाए तो इलाज की प्रक्रिया में 30% तक कमी आ सकती है। यह खबर अस्थमा और COPD से जूझ रहे मरीजों के लिए एक बड़ी राहत की उम्मीद जगा सकती है।

कैसे काम करता है यह नया इंजेक्शन?

नए इलाज के अनुसार, ‘बेनरालिजुमैब’ नामक इंजेक्शन अस्थमा और COPD के इंफेक्शन में महत्वपूर्ण बदलाव लाता है। यह इंजेक्शन ‘इओसिनोफिलिक एक्ससेर्बेशन’ को खत्म करता है, जिससे श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी आती है और फेफड़ों में सूजन घटती है। इससे मरीज को खांसी, सीने में जकड़न, सांस की तकलीफ जैसे लक्षणों से राहत मिलती है। इस इंजेक्शन के प्रभाव से मरीज को न केवल तत्काल राहत मिलती है, बल्कि भविष्य में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना भी घट सकती है। यूनाइटेड किंगडम में हर साल 2 मिलियन लोग अस्थमा और COPD से प्रभावित होते हैं, और यह खोज उनके लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकती है।

दवाइयों के मुकाबले अधिक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प

आजकल अस्थमा और COPD के मरीज स्टेरॉयड दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं, जो फेफड़ों के सूजन में आराम तो देती हैं, लेकिन इन दवाइयों के लंबे समय तक इस्तेमाल से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि डायबिटीज और ऑस्टियोपोरोसिस। इसके अलावा, बार-बार दवाइयां लेने से मरीजों की स्थिति में सुधार नहीं हो पाता और उन्हें अस्पताल में बार-बार भर्ती होना पड़ता है। इस नए इंजेक्शन के उपयोग से इन समस्याओं से बचा जा सकता है, जिससे मरीजों की गुणवत्ता जीवन में भी सुधार होगा।

WHO के अनुसार अस्थमा और COPD का खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, अस्थमा एक गंभीर फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन यह बच्चों में अधिक प्रचलित है। अस्थमा के कारण श्वसन मार्ग में सूजन बढ़ जाती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। 2019 में अस्थमा से 262 मिलियन लोग प्रभावित हुए थे और लगभग 4.5 लाख लोगों की मृत्यु हो गई थी। दूसरी ओर, COPD का मुख्य कारण धूम्रपान है, जो धीरे-धीरे फेफड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है और सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न करता है।

नए इलाज से उम्मीद की किरण

इस नई चिकित्सा पद्धति से अस्थमा और COPD के मरीजों को दी जा रही राहत न केवल उनके इलाज को आसान बनाएगी, बल्कि यह उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करेगी। रिसर्च के अनुसार, यह इलाज इन मरीजों के लिए भविष्य में एक स्थायी समाधान प्रदान कर सकता है। स्टेरॉयड दवाइयों के मुकाबले यह इंजेक्शन अधिक प्रभावी, सुरक्षित और लंबी अवधि में राहत देने वाला है।

आगे का रास्ता

वर्तमान में इस नए इलाज की खोज से अस्थमा और COPD के इलाज के क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगी है। वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि यह शोध न केवल इन बीमारियों के इलाज के दृष्टिकोण को बदल सकता है, बल्कि यह आने वाले समय में लाखों मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है। अगले कुछ सालों में, जब यह इलाज पूरी दुनिया में उपलब्ध होगा, तो अस्थमा और COPD के मरीजों के लिए एक नई दिशा खुल सकती है, जिससे उनका जीवन आसान और सुरक्षित हो सकेगा।

इस शोध के बाद, जो वैज्ञानिकों ने अस्थमा और COPD से जूझ रहे मरीजों के लिए किया है, उनकी उम्मीदों को नया आयाम मिला है और यह चिकित्सा दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।

Share this content:

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

error: Content is protected !!