महाराष्ट्र में पुष्पक एक्सप्रेस हादसा: आग लगने की अफवाह के कारण यात्रियों की ट्रेन से कूदने के बाद बेंगलुरु एक्सप्रेस की चपेट में आकर कई लोगों की मौत, गंभीर घायल

महाराष्ट्र के जलगांव जिले में सोमवार, 22 जनवरी को एक भीषण रेल हादसा हुआ, जिससे कई यात्रियों की जान चली गई। यह हादसा परांडा रेलवे स्टेशन के पास हुआ, जब पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैल गई और इसके बाद यात्री अपने कोचों से कूदने लगे। दुर्भाग्यवश, इन कूदते हुए यात्रियों की पहचान नहीं हो पाई और वे दूसरी ट्रेन, बेंगलुरु एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। इस हादसे में कई यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
क्या हुआ था हादसा?
महाराष्ट्र के जलगांव जिले में पुष्पक एक्सप्रेस जब परांडा रेलवे स्टेशन के पास पहुंची, तो ट्रेन के मोटरमैन ने ब्रेक लगाए, जिससे पहियों से आग की चिंगारियां निकलने लगीं। इसके बाद यात्रियों के बीच अफवाह फैल गई कि ट्रेन में आग लग गई है। इस अफवाह ने महिलाओं और बच्चों के बीच अफरा-तफरी मचा दी। डरे हुए यात्री बिना सोचे-समझे अपने कोचों से कूदने लगे, और यह संख्या 35 से 40 के बीच बताई जा रही है।
दूसरी ट्रेन की चपेट में आए यात्री
यात्रियों ने इस दौरान यह नहीं देखा कि दूसरी ट्रेन, बेंगलुरु एक्सप्रेस उनकी ओर आ रही है। जैसे ही यात्री ट्रेन से कूदे, वे बेंगलुरु एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। इस दुर्घटना में कई लोगों की मौत की खबर सामने आई है और कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घटना के बाद रेलवे अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया।
रेलगाड़ी अधिकारियों का बयान
रेलवे अधिकारियों ने घटना की जानकारी मिलते ही त्वरित कार्रवाई की और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। अधिकारियों के अनुसार, इस हादसे में मारे गए यात्रियों की संख्या की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
यात्रियों ने क्यूं किया ट्रेन से कूदने का फैसला?
इस घटना से यह भी सामने आया है कि यात्रियों के बीच पैनिक की स्थिति थी, और उन्होंने बिना सोचे-समझे ट्रेन से कूदने का खतरनाक कदम उठाया। घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी के अनुसार, यह दुर्घटना चेन पुलिंग के बाद हुई, जिसके कारण ट्रेन रुकने पर कुछ यात्रियों को लगा कि ट्रेन में आग लग गई है। हालांकि, बाद में यह स्पष्ट हुआ कि आग की कोई घटना नहीं हुई थी, बल्कि यह बस एक अफवाह थी।
इस घटना ने उठाए कई सवाल
इस घटना ने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, खासकर ऐसे मामलों में जब यात्री पैनिक स्थिति में आ जाते हैं। इस हादसे में अगर यात्रियों ने धैर्य से काम लिया होता तो शायद यह दुर्घटना नहीं होती। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए वे ट्रेन की सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत करेंगे और यात्री जागरूकता अभियान भी चलाएंगे।
इस हादसे के बाद, रेल प्रशासन द्वारा जांच का आदेश दिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में इस तरह की स्थिति उत्पन्न न हो।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र के जलगांव जिले में हुआ यह हादसा एक बड़ी त्रासदी साबित हुआ है, जिसमें कई निर्दोष यात्रियों की जान चली गई। हादसे की वजह बनी अफवाह और यात्री की लापरवाही, जिसने रेलगाड़ी की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। अब सवाल यह उठता है कि क्या रेलवे प्रशासन इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए और कितनी तैयारी करेगा ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटना से बचा जा सके।
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