लेबनान में हिजबुल्लाह कमांडर शेख मुहम्मद अली हमादी की गोली मारकर हत्या: क्या यह राजनीतिक साजिश है या पारिवारिक विवाद?

लेबनान, मचघरा: लेबनान के बेका घाटी क्षेत्र में स्थित मचघरा इलाके में वरिष्ठ हिजबुल्लाह कमांडर शेख मुहम्मद अली हमादी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अज्ञात बंदूकधारियों ने हमादी पर छह गोलियां चलाईं, जिसके बाद उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। हमादी, जो हिजबुल्लाह के एक प्रमुख सदस्य थे, 1985 में एथेंस से रोम जा रहे TWA विमान के अपहरण में शामिल थे और इस घटना के कारण एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में उनका नाम था।
TWA विमान अपहरण और उसकी भयावहता
1985 में, शेख मुहम्मद अली हमादी और उनके साथियों ने TWA विमान को अपहृत किया था, जिसके परिणामस्वरूप 153 यात्री और चालक दल के सदस्य बंधक बने थे। इस दौरान एक अमेरिकी यात्री की यातनाओं के बाद हत्या कर दी गई थी, और यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो गई थी। इस कांड के कारण हमादी की पहचान और भी ज्यादा विवादास्पद हो गई थी, और उनके खिलाफ कई देश गंभीर आरोप लगा चुके थे।
हत्या के बाद की स्थिति और संभावित कारण
हमादी की हत्या की घटना लेबनान में कई सवाल खड़े कर रही है। जबकि इस हत्या की जांच शुरू कर दी गई है, प्रारंभिक निष्कर्षों ने इसे एक राजनीतिक साजिश से जोड़ने के बजाय पारिवारिक झगड़े का परिणाम बताया है। लेबनानी अधिकारियों के मुताबिक, हत्या का कारण किसी प्रकार की निजी रंजिश या पारिवारिक विवाद हो सकता है, और इस प्रकार का मुद्दा आतंकवाद से जुड़ी बड़ी साजिशों के मुकाबले कहीं अधिक स्थानीय और व्यक्तिगत प्रतीत होता है।
उत्तेजना का माहौल और युद्धविराम का अंत
हमादी की हत्या ऐसे समय में हुई है जब इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष विराम का समझौता समाप्त होने वाला था। 60 दिन का युद्धविराम समझौता, जो 27 नवंबर को हुआ था, अब अपनी अंतिम सीमा तक पहुँच चुका है। इसके तहत इजराइल को 26 जनवरी तक दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना वापस बुलानी थी, जबकि हिजबुल्लाह को लिटानी नदी के उत्तर में अपने ठिकाने छोड़ने थे। हालांकि, अब तक इजराइल ने केवल दो शहरों से अपनी सेना की वापसी की है, जबकि कई क्षेत्रों में हवाई हमले जारी रखे हैं। हिजबुल्लाह पर आरोप है कि उसने अपने हथियारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है, जिससे समझौते का उल्लंघन हुआ है।
संगर्ष के परिणाम: लाखों का विस्थापन और हजारों की मौत
इस संघर्ष ने न केवल लेबनान बल्कि पूरे क्षेत्र में व्यापक प्रभाव डाला है। युद्ध के दौरान 1.2 मिलियन से अधिक लेबनानी विस्थापित हुए हैं, और 3,700 से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, 50,000 से अधिक इजराइलियों ने भी युद्ध के कारण अपनी जान गंवाई है। संघर्ष में इस तरह की मानवीय त्रासदी ने क्षेत्रीय स्थिति को और भी जटिल बना दिया है।
क्या हमादी की हत्या नए संघर्ष की आहट है?
इस हत्याकांड को एक बड़ा राजनीतिक बयान माना जा रहा है, हालांकि इसकी प्राथमिक वजह पारिवारिक विवाद के रूप में सामने आई है। लेकिन इसे क्षेत्रीय तनाव और इजराइल-हिजबुल्लाह संघर्ष के संदर्भ में देखना भी महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का मानना है कि हमादी की हत्या का क्षेत्रीय राजनीति से कोई न कोई गहरा संबंध हो सकता है, विशेषकर जब युद्धविराम समाप्त हो रहा हो और संघर्ष की स्थिति पहले से ही चरम पर हो।
अगर इजराइल 60 दिनों के भीतर अपनी सेना को पूरी तरह वापस नहीं बुलाता है, तो हिजबुल्लाह ने चेतावनी दी है कि वह फिर से संघर्ष शुरू कर सकता है। इस युद्धविराम के समाप्त होने के बाद अगर स्थिति और खराब होती है, तो हमादी की हत्या के पीछे के राजनीतिक कारणों पर और भी विस्तार से जांच की आवश्यकता हो सकती है।
संघर्ष और शांति के बीच
यह घटना यह दर्शाती है कि क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को खतरा पहुंचाने वाली ताकतें अभी भी सक्रिय हैं, और हिजबुल्लाह के खिलाफ संभावित संघर्ष किसी भी समय फिर से भड़क सकता है। इन घटनाओं के बीच में यह सवाल भी उठता है कि क्या यह हत्या किसी नए युद्ध की शुरुआत है, या फिर यह किसी पुराने पारिवारिक विवाद का परिणाम मात्र है।
Share this content: