भारत से अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी की भावुक विदाई, कहा – ‘पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त!’

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी का कार्यकाल अब समाप्त हो रहा है, और इस दौरान उन्होंने भारत के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और प्यार को बार-बार व्यक्त किया। अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में, गार्सेटी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से भारत से मिली दोस्ती, सम्मान और अनगिनत यादों का जिक्र किया, जो उनके दिल में हमेशा जीवित रहेंगी। वीडियो के अंत में, उनका प्रिय संदेश था – “पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त!”
भारत को हमेशा अपने दिल के पास रखने की बात कहते हुए गार्सेटी ने जताया आभार
भारत के प्रति गार्सेटी का स्नेह और लगाव स्पष्ट रूप से उनके शब्दों और क्रियाओं में झलकता है। उन्होंने भारत को ‘अद्भुत’ और ‘अविस्मरणीय’ देश बताते हुए कहा कि 26वें अमेरिकी राजदूत के रूप में यहां सेवा करने के बाद वह भारत को छोड़ते वक्त भावुक हैं। गार्सेटी ने अपने संदेश में कहा, “आपने मुझे दूसरा घर, परिवार और ऐसी यादें दी हैं जो हमेशा मेरे साथ रहेंगी। यहां से मैं एक राजदूत के रूप में नहीं, बल्कि एक जीवनभर के दोस्त के तौर पर जा रहा हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि वह #USIndiaFWDfortheFuture के साथी और समर्थक के रूप में हमेशा भारत के साथ रहेंगे।
भारतीय संस्कृति और जनता से गहरे संबंध
गार्सेटी ने अपने पुराने दिनों की एक तस्वीर दिखाते हुए बताया कि जब वह पहली बार भारत आए थे, तब वह एक बच्चा थे। भारत में उनका पहला अनुभव इतना प्रभावशाली था कि भारत और भारतीयों ने उनका दिल जीत लिया। गार्सेटी ने कहा, “आपने मुझे दुनिया के सबसे अधिक सत्कार करने वाले लोगों से मिलवाया। आपकी दोस्ती और जिंदादिली ने हमेशा मेरे दिल को छुआ है।”
भारत के स्टूडेंट्स और कारोबारियों से मिली प्रेरणा
भारत के छात्र समुदाय का उल्लेख करते हुए गार्सेटी ने कहा कि उन्हें यहां के स्टूडेंट्स से भविष्य के लिए एक नई उम्मीद मिली है। उन्होंने भारतीय व्यापारियों के उत्साह का भी जिक्र किया, जो भविष्य के लिए प्रगति और विकास के लिए प्रेरित करते हैं। गार्सेटी ने भारतीय त्योहारों, संगीत, कला और भोजन के प्रति अपनी दीवानगी का भी इज़हार किया, और कहा कि इन सभी ने उनके दिल पर गहरी छाप छोड़ी है।
एक प्रेरणादायक यात्रा का समापन
कुल मिलाकर, गार्सेटी ने अपने वीडियो संदेश में यह स्पष्ट किया कि उनका भारत से न केवल पेशेवर, बल्कि एक व्यक्तिगत और भावनात्मक संबंध भी है। यह उनकी यात्रा का समापन एक नई शुरुआत की ओर इशारा करता है, क्योंकि वह भारत को छोड़ने के बाद भी इस देश से जुड़े रहेंगे और इसकी प्रगति में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। उनका संदेश “पिक्चर अभी बाकी है” न केवल उनके अनुभवों की समाप्ति का संकेत है, बल्कि यह उनके भारतीय मित्रों और इस अद्भुत देश के साथ भविष्य में और भी कई मायनों में जुड़ने का संकेत भी है।
गार्सेटी का भारत में कार्यकाल एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे राजनयिक अपने देश के लिए काम करते हुए भी एक दूसरे देश की संस्कृति और जनता के साथ गहरे रिश्ते बना सकते हैं।
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