80 करोड़ के रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण हुआ, लेकिन क्यों नहीं हो पा रहा है इसका इस्तेमाल? अहमदाबाद में प्रशासन की लापरवाही से खुला बड़ा घोटाला!
अहमदाबाद: एक तरफ जहां शहर में नगर निगम द्वारा कई विकास कार्यों की योजना बनाई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ अहमदाबाद के घुमा-शिलज रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। 80 करोड़ रुपये की भारी लागत से तैयार किया गया यह ओवरब्रिज अब एक मजाक बनकर रह गया है, क्योंकि पुल का अंतिम छोर ही नहीं मिल रहा है। इस पुल का निर्माण कई सालों से चल रहा था, लेकिन अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिरकार इसे तैयार करने की कोई योजना थी भी या नहीं?
80 करोड़ का ओवरब्रिज, लेकिन अब काम का नहीं!
अहमदाबाद में घुमा और शिलजा को जोड़ने वाला यह रेलवे ओवरब्रिज बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन जब अधिकारियों ने पुल का निरीक्षण किया तो पाया कि इसका अंत एक दीवार से हो रहा है, जहां से कोई भी वाहन या व्यक्ति गुजरने के लिए मजबूर नहीं है। इसके बाद यह खुलासा हुआ कि ओवरब्रिज का निर्माण पूरी तरह से बिना किसी योजना और सर्वे के किया गया। इसके बाद से स्थानीय लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
लापरवाही और बिना योजना के निर्माण पर सवाल उठे
स्थानीय निवासी आरोप लगा रहे हैं कि अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (AUDA) ने बिना किसी योजना और ठीक से सर्वे किए बिना ओवरब्रिज का निर्माण कराया है। पुल का निर्माण पिछले छह वर्षों से चल रहा था, लेकिन यह अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह पुल अब एक संकरी गली में खत्म हो गया है, जो पूरी तरह से बेकार साबित हो रहा है।
क्या है पुल की असल स्थिति?
यह ओवरब्रिज जहां खत्म हो रहा है, वहां एक कृषि क्षेत्र और दीवार है, जिससे यातायात की कोई संभावना नहीं बनती। अब सवाल यह उठता है कि 80 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया यह ओवरब्रिज आखिरकार किसके काम आएगा? यहां तक कि पुल के निर्माण के दौरान इसकी शुरुआत और अंतिम छोर की जानकारी तक अधिकारियों को नहीं थी। यह पूरे मामले को लेकर भारी सवाल उठाता है।
भ्रष्टाचार और लापरवाही का खुलासा
इस घटना ने अधिकारियों की भ्रष्टाचार और लापरवाही को उजागर किया है। बिना योजना के पुल बनाने का ठेका दिया गया था, और अब पुल तैयार होने के बावजूद इसका उपयोग करना असंभव हो गया है। स्थानीय लोग अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुल का निर्माण बिना किसी सही सर्वे और योजना के किया गया, जिससे इसका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है।
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों और नेताओं ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात की है। लोगों का कहना है कि 80 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस ओवरब्रिज की कोई उपयोगिता नहीं बन रही है, और इसे जल्द से जल्द शुरू करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।
यह मामला अहमदाबाद के विकास कार्यों में छिपे भ्रष्टाचार और प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। इसने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं और अब यह देखना होगा कि इसके खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।
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