बांग्लादेश में इस्कॉन के 16 सदस्य और चिन्मय कृष्ण दास के बैंक खाते जब्त, मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई

बांग्लादेश में कट्टरपंथी दबाव और अंतरिम सरकार के कार्रवाई के तहत इस्कॉन पर संकट गहरा गया है, खासकर उच्च न्यायालय द्वारा इस्कॉन पर बैन लगाने से इनकार किए जाने के बावजूद। देश में अब इस्कॉन से जुड़े 16 सदस्यों और प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास के बैंक खातों को जब्त कर लिया गया है। बांग्लादेश बैंक की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (BFIU) ने इस सिलसिले में देशभर के बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश भेजे हैं, जिसके बाद खातों को सीज़ कर दिया गया है।
इस कार्रवाई के तहत जिन 16 लोगों के बैंक खाते जब्त किए गए हैं, उनमें इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख सदस्य जैसे कार्तिक चंद्र डे, अनिक पाल, सरोज रॉय, सुशांत दास, और अन्य शामिल हैं। BFIU ने बताया कि इन सभी खातों से जुड़े व्यवसायों के बैंक खाते भी अगले 30 दिनों तक निलंबित कर दिए जाएंगे। इसका मतलब है कि इन व्यक्तियों और संगठनों के लिए किसी भी प्रकार के लेन-देन पर रोक लगा दी गई है, और अगर ज़रूरत पड़ी तो इस निलंबन की अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है।
इस्कॉन और उसके सदस्यों पर यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट के तहत की जा रही है। BFIU ने बैंकों को आदेश दिया है कि वे इस कार्रवाई से संबंधित सभी दस्तावेज, जैसे खाता खोलने का फॉर्म, KYC और निलंबित खातों के लेन-देन की जानकारी दो दिनों के भीतर BFIU को प्रदान करें।
यह कार्रवाई देश के वित्तीय खुफिया नेटवर्क के लिए एक अहम कदम है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध वित्तीय गतिविधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। हालांकि, यह कदम इस्कॉन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, खासकर जब इस्कॉन और उसके सदस्य इसे सरकार की ओर से उत्पीड़न का हिस्सा मान रहे हैं। अब यह देखना होगा कि इस स्थिति का प्रभाव बांग्लादेश में धार्मिक और सामाजिक माहौल पर क्या पड़ेगा।
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