July 1, 2025

“भारत और सीरिया के बीच ऐतिहासिक बैठक: पश्चिमी देशों की साजिशों के बीच दोस्ती और सहयोग की नई दिशा”

0

भारत और सीरिया के बीच शुक्रवार को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसने दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई प्रदान की। इस बैठक के दौरान, जहां पश्चिमी देशों की तरफ से सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को हटाने की साजिशें तेज हो रही हैं, वहीं भारत ने अपनी कूटनीतिक प्रतिबद्धताओं को एक नए रूप में प्रस्तुत किया। भारत ने यह साबित किया कि उसकी कूटनीति केवल शब्दों तक सीमित नहीं, बल्कि वह रिश्तों को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है।

बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के प्रतिनिधियों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। भारत की ओर से पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका प्रभाग के संयुक्त सचिव डॉ. सुरेश कुमार ने बैठक का नेतृत्व किया, जबकि सीरिया की ओर से विदेश मामलों के उप मंत्री अयमान राद ने प्रतिनिधित्व किया।

दवाओं, विकास और शिक्षा पर चर्चा

बैठक में प्रमुख रूप से दवाओं, विकास परियोजनाओं और सीरियाई युवाओं के कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने यह सुनिश्चित किया कि दोनों देश मिलकर अपने रिश्तों को न केवल कूटनीतिक रूप से, बल्कि विकासात्मक और सामाजिक क्षेत्रों में भी सशक्त बनाएं। इसके अलावा, क्षेत्रीय और वैश्विक परिस्थितियों पर भी विस्तृत बातचीत की गई, जिसमें दोनों देशों ने आपसी सहयोग को और मजबूत करने के उपायों पर विचार किया।

भारत का निष्पक्ष रुख और ऐतिहासिक साझेदारी

भारत और सीरिया के बीच संबंध सिर्फ कूटनीतिक नहीं हैं, बल्कि इनका आधार ऐतिहासिक और सांस्कृतिक साझेदारी पर भी है। सीरिया के खिलाफ पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए दबाव और बशर अल-असद सरकार को हटाने की साजिशों के बावजूद, भारत ने हमेशा सीरिया के प्रति निष्पक्ष रुख अपनाया है। भारत ने कभी भी सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया, बल्कि हमेशा इसे एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में देखा है।

भारत, सीरिया में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहा है और वहां की युवा पीढ़ी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस बैठक में भारत ने सीरिया को आश्वस्त किया कि वह देश के विकास में एक भरोसेमंद और स्थिर साझेदार बना रहेगा।

भारत का अगला कदम – सीरिया में आगामी बैठक

दोनों देशों ने यह भी तय किया कि अगली बातचीत सीरिया में होगी, जो भारतीय कूटनीति की एक नई दिशा को रेखांकित करता है। यह बैठक सिर्फ भारत-सीरिया के रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी, बल्कि उन मुद्दों को हल करने की दिशा में भी मदद करेगी जो लंबे समय से पेंडिंग थे।

भारत की कूटनीति की एक खासियत है उसकी संतुलित नीति, जिसे उसने रूस-यूक्रेन युद्ध, इरान-इजराइल जैसे विवादों में भी सिद्ध किया है। अब सीरिया के साथ इस मित्रवत पहल ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत की साख सिर्फ आर्थिक ताकत में नहीं, बल्कि रिश्तों की गहराई में भी है।

भारत का स्पष्ट संदेश

जब दुनिया के एक बड़े हिस्से द्वारा सीरिया को अलग-थलग करने की कोशिशें की जा रही हैं, भारत ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह हर परिस्थिति में अपने साझेदारों के साथ खड़ा रहेगा। नई दिल्ली में हुई यह बैठक न केवल भारत-सीरिया के रिश्तों को और मजबूत करेगी, बल्कि पश्चिमी एशिया में भारत की भूमिका को भी महत्वपूर्ण तरीके से स्थापित करेगी।

भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि उसकी कूटनीति केवल भूराजनीतिक फायदे के लिए नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर सामूहिक समृद्धि और विकास के लिए है। यह नई दिशा दोनों देशों के रिश्तों को एक मजबूत और दीर्घकालिक साझेदारी की ओर ले जाएगी, जो क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग के लिए अहम होगी।

Share this content:

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

error: Content is protected !!