July 1, 2025

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार में एक और बड़ा भूचाल आया है। चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन के खिलाफ पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) में भ्रष्टाचार से जुड़े गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके बाद उनकी जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, डोंग जुन ने महज 11 महीने पहले ही इस अहम पद को संभाला था, और अब वह चीन के तीसरे रक्षा मंत्री बन गए हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इससे पहले दो अन्य रक्षा मंत्रियों को भी भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इस्तीफा देना पड़ा था, जिनमें ली शांगफू और वेई फेंगहे शामिल हैं।

ब्रिटिश अखबार द फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, डोंग जुन पर चल रहे एंटी करप्शन अभियान के तहत जांच हो रही है, और वह PLA के उन अधिकारियों में से हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। हालांकि, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इन आरोपों को “बेबुनियाद” बताया, लेकिन ये घटनाक्रम चीन के सेना प्रमुखों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। पिछले साल से ही चीन में PLA के अधिकारियों और रक्षा उद्योग के अधिकारियों के खिलाफ एंटी करप्शन अभियान चल रहा है, जिसके तहत अब तक नौ जनरल और चार उच्च पदस्थ अधिकारी अपनी पोस्ट से हटा दिए गए हैं।

डोंग जुन के भ्रष्टाचार मामले में घिरने से चीन की राजनीति और सैन्य संबंधों पर सवाल खड़े हो गए हैं, खासकर जब वह चीन-अमेरिका के सैन्य रिश्तों पर काम कर रहे थे। सितंबर में, डोंग ने पहली बार चीन और अमेरिका के बीच कमांडर स्तर की बैठक में रिश्तों में सुधार की बात की थी। उनका यह कदम चीन की सैन्य डिप्लोमेसी में एक अहम मोड़ था, लेकिन अब उनके खिलाफ जांच शुरू होने से चीन की सैन्य राजनीति में हलचल मच गई है।

यह मामला चीन के लिए एक बड़ा झटका बनकर उभरा है, क्योंकि अब तक के सैन्य नेतृत्व में शामिल भ्रष्टाचार के आरोपों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चीन की छवि को प्रभावित किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, PLA और चीन के व्यापारिक क्षेत्र के बीच गहरे संबंधों को देखते हुए, यह कोई नई बात नहीं है कि मिलिट्री अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाएं, लेकिन तीन रक्षा मंत्रियों का जांच के घेरे में आना चीन की सरकार और पार्टी के लिए एक गंभीर संकट बन सकता है।

इससे पहले, चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू और वेई फेंगहे पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया था। अब डोंग जुन पर जांच के चलते यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या शी जिनपिंग की सरकार को और भी बड़े फैसले लेने पड़ेंगे, खासकर जब पार्टी और सैन्य प्रतिष्ठान की छवि को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा हो।

यह राजनीतिक उथल-पुथल चीन में अगले महीनों में और भी बड़े बदलावों का संकेत हो सकती है, और दुनिया भर की नजरें अब इस जांच और उसके परिणामों पर टिकी हैं।

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