July 1, 2025

फर्रुखाबाद: 300 साल पुराना शिवालय हुआ कब्जामुक्त, भक्तों ने किया पूजा अर्चना

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फर्रुखाबाद: मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के माधौपुर गाँव में स्थित 300 साल पुराना शिवालय आखिरकार कब्जामुक्त कर लिया गया है। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अवैध रूप से शिवालय में कब्जा करने की खबर के बाद प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मंदिर को कब्जे से मुक्त कराया। शिवालय के अंदर सैकड़ों साल पुराना शिवलिंग और नंदी भी भूसे में दबे हुए पाए गए।

अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई
यह घटना माधौपुर गाँव के एक ऐतिहासिक शिव मंदिर से जुड़ी हुई है, जो सैकड़ों साल पुराना है। ग्रामीणों ने पिछले कुछ समय से इस शिवालय में अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। मंदिर के अंदर भूसा और कंडे भरकर इस जगह का दुरुपयोग किया जा रहा था। मामले की जानकारी मिलते ही महंत ईश्वर दास के नेतृत्व में हिंदू महासभा के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने मंदिर की स्थिति का जायजा लिया।

शिवलिंग और नंदी का मिला अवशेष
कब्जामुक्त करने के दौरान मंदिर से सैकड़ों साल पुराना शिवलिंग और नंदी अवशेषों के रूप में मिले, जिन्हें भूसे और कंडे से ढका हुआ था। यह दृश्य देखकर मंदिर के पवित्र स्थान से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहर के प्रति श्रद्धालुओं में गहरी श्रद्धा और सम्मान का भाव जागृत हुआ।

पूजा अर्चना का आयोजन
हिंदू महासभा ने इस ऐतिहासिक शिवालय में पूजा अर्चना शुरू की और सैकड़ों भक्तों की उपस्थिति में शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थनाएं की गईं। पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंदिर में पूजा का आयोजन हुआ। इस दौरान पुलिस और प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि कोई भी असामाजिक तत्व मंदिर के पवित्र स्थान पर विघ्न न डाले।

भक्तों की भारी भीड़
शिवालय को कब्जामुक्त किए जाने के बाद बड़ी संख्या में भक्तजन इस पवित्र स्थान पर पहुंचे। भक्तों ने मंदिर में दर्शन किए और भगवान शिव की पूजा अर्चना की। पुलिस ने पूरी व्यवस्था में सहयोग किया और सुरक्षा के इंतजाम किए ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

इतिहास और धार्मिक महत्त्व
यह शिवालय अपने 300 साल के इतिहास और धार्मिक महत्त्व के कारण क्षेत्र में प्रसिद्ध है। भक्तों का कहना है कि इस मंदिर की ऐतिहासिकता और धार्मिक मूल्य को नजरअंदाज करना अनुचित था, और अब जब मंदिर फिर से अपनी असल स्थिति में आ गया है, तो यह उनके विश्वास और श्रद्धा का प्रतीक बन गया है।

निष्कर्ष
इस कदम से न केवल धार्मिक आस्था को बल मिलेगा, बल्कि इलाके के निवासियों के बीच एकता और सांप्रदायिक सौहार्द भी बढ़ेगा। प्रशासन और पुलिस के प्रयासों से यह सुनिश्चित किया गया कि ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण हो और लोगों की श्रद्धा का सही सम्मान किया जाए। अब यह शिवालय भक्तों के लिए पहले की तरह ही पवित्र और सुरक्षित स्थान बन चुका है।

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