July 1, 2025

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में 24 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया, जिसका उद्देश्य खान की जेल से रिहाई की मांग करना था। यह प्रदर्शन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी द्वारा आयोजित किया गया था, और इसके चलते शहर में तनाव और हिंसा फैल गई। प्रदर्शनकारियों ने जेल में बंद अपने नेताओं की रिहाई के लिए आवाज उठाई, जबकि सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए कठोर कदम उठाए।

विरोध प्रदर्शन की तीव्रता और गिरफ्तारी

पाकिस्तान पुलिस ने इस विरोध को दबाने के लिए कड़ी कार्रवाई की, और 4,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें 5 सांसद भी शामिल हैं, जो इस प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग ले रहे थे। पंजाब प्रांत के एक सुरक्षा अधिकारी शाहिद नवाज ने समर्थकों की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि गिरफ्तारियां राजधानी इस्लामाबाद में हुईं, जहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं।

इमरान खान का प्रदर्शन का आह्वान

इमरान खान, जो पिछले एक साल से जेल में बंद हैं और 150 से अधिक मामलों में आरोपित हैं, ने 13 नवंबर को इस विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी। उन्होंने इसे “गुलामी की बेड़ियां तोड़ने” के लिए आवश्यक कदम बताया था। PTI पार्टी के नेता चाहते हैं कि सरकार उनके नेताओं को जेल से रिहा करे और यह प्रदर्शन सरकार पर दबाव बनाने के लिए किया गया था।

सुरक्षा उपायों की कड़ी प्रतिक्रिया

इस विरोध को दबाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद को शिपिंग कंटेनरों से सील कर दिया और शहर में प्रवेश करने वाली प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया। इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया और शहर की सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया। सरकार ने इस प्रदर्शन के दौरान इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट, मोबाइल सेवाओं और सार्वजनिक परिवहन को निलंबित कर दिया।

बेलारूस के राष्ट्रपति का दौरा और सुरक्षा चिंताएं

पाकिस्तानी सरकार के लिए इस विरोध प्रदर्शन को रोकने की एक और वजह बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको का पाकिस्तान दौरा था, जो 25 से 27 नवंबर तक पाकिस्तान में रहेंगे। उनके प्रतिनिधिमंडल के 80 सदस्य 24 नवंबर को पाकिस्तान पहुंचे थे, और सरकार ने सुरक्षा कारणों से विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी।

हिंसक झड़पें और आंसू गैस का प्रयोग

प्रदर्शन के दौरान स्थिति हिंसक हो गई, और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ प्रतिरोध किया, जिससे राजधानी में तनाव और बढ़ गया। इसके बाद, सरकार ने इस्लामाबाद और पंजाब प्रांत में सोमवार को सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया और शहर में धारा 144 लागू कर दी, जिससे सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी प्रकार के बड़े सार्वजनिक समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

सुरक्षा बलों का व्यापक तैनाती

सुरक्षा बलों की तैनाती भी बेहद व्यापक थी। महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों जैसे संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और अन्य सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा को और सख्त किया गया था। इस्लामाबाद की 37 सड़कों को कंटेनरों से ब्लॉक किया गया था, ताकि प्रदर्शनकारियों को सरकार की इमारतों तक पहुंचने से रोका जा सके।

सरकारी खजाने को नुकसान और आर्थिक प्रभाव

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इमरान खान की पार्टी PTI के विरोध प्रदर्शनों से पिछले 18 महीनों में सरकारी खजाने को 2.7 अरब पाकिस्तानी रुपए (PKR) से अधिक का नुकसान हुआ है। इसमें सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की लागत भी शामिल है। इस बढ़ते खर्च और नुकसान के बीच, सरकार ने विरोध प्रदर्शनों को नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए यह कड़ी कार्रवाई की है।

आगामी परिस्थितियाँ

इस विरोध प्रदर्शन ने पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति को और भी जटिल बना दिया है, और आगामी दिनों में इसकी प्रतिक्रिया और भी तीव्र हो सकती है। सरकार और PTI के बीच टकराव की स्थिति अब देशभर में चर्चा का विषय बन चुकी है, खासकर जब इमरान खान की रिहाई की मांग अब भी लगातार जारी है।

इस घटना ने पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के बढ़ते स्तर को एक बार फिर उजागर किया है, और देश के भीतर और बाहर इस पर व्यापक प्रतिक्रिया हो रही है।

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