July 1, 2025

मध्य पूर्व में एक नई सुबह के साथ, एक महत्वपूर्ण संघर्ष विराम समझौते की घोषणा की गई है। क्या यह समझौता शांति का मार्ग प्रशस्त करेगा या केवल अस्थायी राहत का एक क्षण होगा? इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्धविराम के इस समझौते के साथ एक नई उम्मीद की किरण जागी है, लेकिन क्या इसका असर गाजा में चल रही घमासान पर पड़ेगा? क्या यह समझौता दोनों देशों के बीच स्थायी शांति की दिशा में एक कदम होगा, या बस एक और संघर्ष विराम की कोशिश?

पिछले कुछ हफ्तों से, इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव अपने चरम पर था। एक ओर गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल की सैन्य कार्रवाई और दूसरी ओर लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ लगातार संघर्ष, दोनों ही देशों के लिए चुनौती बन चुकी थी। लेकिन, अब एक नई सहमति बनी है—युद्धविराम की घोषणा। यह समझौता मिडिल ईस्ट में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, लेकिन इसके दूरगामी प्रभाव क्या होंगे, यह अभी भी अनिश्चित है।

इजरायल की कैबिनेट ने अमेरिका और फ्रांस के मध्यस्थता में हुए युद्धविराम समझौते को मंजूरी दे दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने “अच्छी खबर” का एलान किया, यह कहते हुए कि संघर्ष विराम आज सुबह 4 बजे (भारतीय समयानुसार 7:30 बजे) से प्रभावी हो जाएगा। बाइडन ने इसे लेबनान के लिए एक नई शुरुआत करार दिया, लेकिन इस समझौते का असर गाजा में चल रहे युद्ध पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। इजरायल की रणनीति गाजा और “ईरानी खतरे” पर ज्यादा केंद्रित रहेगी।

इस समझौते के तहत, लेबनानी सेना को 60 दिनों में अपने सैनिकों को दक्षिणी क्षेत्र में तैनात करने का आदेश दिया जाएगा। इससे इजरायल को लेबनान क्षेत्र से अपनी सेनाओं की वापसी का अवसर मिलेगा। साथ ही, हिजबुल्लाह को अपनी स्थिति लितानी नदी की ओर खिसकानी होगी, जो एक बड़ा कदम होगा। हालांकि, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि इजरायल हिजबुल्लाह के किसी भी उल्लंघन पर तुरंत प्रतिक्रिया करेगा।

इस युद्धविराम समझौते के बारे में इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा कि, “जब हिजबुल्लाह की मौजूदगी समाप्त हो जाएगी, तो हमास अकेला रह जाएगा। उस पर हमारा दबाव बढ़ेगा।” नेतन्याहू ने गाजा में अपने लक्ष्यों को स्पष्ट किया है—हमास को समाप्त करना, बंधकों को घर लाना और गाजा को इजरायल के लिए खतरे से मुक्त करना।

इस संघर्ष में ईरान का समर्थन भी एक अहम पहलू है, क्योंकि हिजबुल्लाह को ईरान से सक्रिय समर्थन मिल रहा है। इजरायल और ईरान के बीच इस मामले को लेकर तीखी नोकझोंक चल रही है, जिससे युद्धविराम के इस समझौते को लेकर दोनों देशों की रणनीतियों का अलग-अलग दृष्टिकोण बन रहा है।

अमेरिकी अधिकारी मानते हैं कि यह युद्धविराम समझौता गाजा में शत्रुता समाप्त करने की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है। इसके साथ ही, बंधकों की सुरक्षित वापसी और युद्धविराम का प्रभावी कार्यान्वयन भी इस प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। लेकिन क्या यह युद्धविराम स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम होगा? या फिर, जैसा कि कई अन्य संघर्षों में हुआ है, यह केवल एक अस्थायी राहत का क्षण साबित होगा?

समय बताएगा, लेकिन एक बात तो साफ है—मध्य पूर्व में शांति की राह एक कठिन और लंबी यात्रा है, और इस समझौते का सिर्फ एक अध्याय है।

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