जैसलमेर के मोहनगढ़ में रहस्यमय ‘ज्वालामुखी’ का फूटना: प्रशासन ने 500 मीटर तक नो-मैन एरिया घोषित, गैस विस्फोट की आशंका
जैसलमेर के मोहनगढ़ इलाके में शनिवार को एक खेत में बोरिंग के दौरान रहस्यमय तरीके से पानी का फव्वारा फूट पड़ा, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी। यह घटना एक जलश्रोत के उभरने के रूप में सामने आई, जिसे स्थानीय लोग “ज्वालामुखी” की तरह देख रहे थे। इस जलश्रोत से अचानक पानी के साथ गैस और कीचड़ का विस्फोट हुआ, जिसने स्थानीय प्रशासन को स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने के लिए मजबूर कर दिया।
गैस और पानी का रहस्यमय फव्वारा, प्रशासन ने नो-मैन एरिया घोषित किया
शनिवार को जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र के 27 BD के तीन जोरा माइनर पर बोरिंग करते वक्त अचानक जमीन धंस गई और पानी का फव्वारा फूट पड़ा। बोरिंग मशीन सहित पूरी गाड़ी इस जलश्रोत में समा गई, जिससे आसपास के इलाके में खलबली मच गई। पानी का उफान इतना जबरदस्त था कि क्षेत्रीय लोगों ने इसे एक रहस्यमय “ज्वालामुखी” के रूप में देखा और सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़ी कई अफवाहें फैलने लगीं। प्रशासन ने तुरंत सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस घटना की गंभीरता को समझा और आधा किलोमीटर तक का इलाका नो-मैन एरिया घोषित कर दिया।
दो दिन बाद पानी का बहाव रुकने से मिली राहत, लेकिन विस्फोट की आशंका बनी हुई है
रविवार की देर रात तक पानी का बहाव रुक गया, जिससे स्थानीय प्रशासन और लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि, प्रशासन ने पूरी तरह से स्थिति को नियंत्रित नहीं माना और चेतावनी जारी की कि पानी फिर से बहने का खतरा हो सकता है। इसके मद्देनजर, प्रशासन ने इलाके के 500 मीटर तक के क्षेत्र को नो-मैन एरिया घोषित कर दिया। प्रशासन ने लोगों से अपील की कि वे इस क्षेत्र में ना जाएं, क्योंकि पानी के साथ निकलने वाली गैस के कारण विस्फोट की संभावना बनी हुई है।
प्रशासन ने की अफवाहों पर नियंत्रण, विशेषज्ञों का लिया गया सहारा
इस घटना के बाद क्षेत्रीय अधिकारी ललित चारण ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस घटना के बारे में अफवाहें न फैलाएं और भ्रामक वीडियो पर विश्वास न करें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बारिश के पानी को इस घटनास्थल से जोड़कर वीडियो बना रहे हैं, जबकि असल में पानी का निकलना रविवार की रात में ही रुक चुका था। साथ ही, जिला कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत ने इलाके में धारा 163 लागू कर दी है, जिससे लोगों को घटनास्थल के पास आने से कड़ी चेतावनी दी गई है।
ऑयल इंडिया, केन एनर्जी और ONGC ने किया जलश्रोत का सर्वेक्षण
जलश्रोत के रहस्यमय उत्पन्न होने के बाद प्रशासन ने वैज्ञानिकों की टीम को मौके पर भेजा। ऑयल इंडिया, केन एनर्जी और ONGC के विशेषज्ञों ने यहां पहुंचकर पानी और गैस का सैंपल लिया और इसके संभावित प्रभावों का अध्ययन किया। जिला प्रशासन ने खेत मालिक को निर्देशित किया है कि वह डूब चुकी बोरिंग मशीन को निकालने का प्रयास न करें, क्योंकि इससे जनधन की हानि हो सकती है।
क्या है इस जलश्रोत का रहस्य?
इस जलश्रोत के उभरने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं, यह सवाल अब तक अनुत्तरित है। वैज्ञानिकों का मानना है कि शायद पानी और गैस का दबाव नीचे की सतह से बाहर निकलने के कारण यह विस्फोट हुआ हो। हालांकि, इस घटना ने सभी को हैरान कर दिया है और प्रशासन पूरी स्थिति को समझने में जुटा हुआ है। विशेषज्ञों द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण से जलश्रोत की उत्पत्ति और इसके संभावित खतरों के बारे में जल्द ही अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है।
अब तक की स्थिति:
वर्तमान में मोहनगढ़ में स्थिति स्थिर है, लेकिन विशेषज्ञों और प्रशासन की निगरानी अभी भी जारी है। जलश्रोत से पानी का बहाव थम चुका है, लेकिन गैस की मौजूदगी और फिर से पानी का उभरना अभी भी एक चिंता का विषय है। प्रशासन का कहना है कि वे इस क्षेत्र में हर गतिविधि की सख्ती से निगरानी रखेंगे और कोई भी खतरे से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
स्थानीय प्रशासन की कोशिश है कि इस रहस्यमय जलश्रोत का कारण जल्द से जल्द पता लगाया जाए ताकि क्षेत्रीय लोगों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सके।
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