राजौरी में रहस्यमय मौतों का सिलसिला जारी: 16 की मौत, मौत की असली वजह बना रहस्य, जांच तेज

जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के एक छोटे से गांव में रहस्यमयी मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक इस गांव में 16 लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन इन मौतों के कारण अभी भी एक बड़ा रहस्य बने हुए हैं। यह घटनाएं पिछले दो महीनों से जारी हैं, और स्वास्थ्य अधिकारी, गांववाले, और जांच एजेंसियां सभी इस बीमारी के असली कारण को लेकर हैरान-परेशान हैं। इस रहस्यमयी स्थिति ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।
विगत शुक्रवार को जट्टी बेगम नामक एक बुजुर्ग महिला की मौत हुई, जो इस गांव में पहली बार सामने आई मौतों की कड़ी में शामिल हैं। उनकी उम्र करीब 60 वर्ष थी। इसके अलावा, एक अन्य लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है, और वह अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। इन मौतों के कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सके हैं।
कई परिवारों को अपनी जान गंवानी पड़ी:
राजौरी जिले के कोटरंका उप-मंडल के इस गांव में पिछले साल दिसंबर से लेकर अब तक तीन परिवारों के 16 सदस्य इस रहस्यमयी बीमारी का शिकार हो चुके हैं। रविवार से अब तक सात और मौतें हो चुकी हैं। इस दर्दनाक स्थिति से पीड़ित मोहम्मद असलम के 6 बच्चों में से पांच की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, उनके परिवार के अन्य सदस्य भी बीमारी के शिकार हुए हैं।
मोहम्मद असलम की 15 वर्षीय बेटी यास्मीन कौसर की हालत भी बहुत गंभीर है। वह इस समय जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में जीवन रक्षक उपकरणों पर है। वहीं, 12 जनवरी से लेकर 15 जनवरी तक असलम के बच्चों की एक के बाद एक हुई मौतों ने पूरे गांव में डर और चिंता की लहर फैला दी है।
स्वास्थ्य जांच में मिले नकारात्मक परिणाम:
अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित परिवारों के तीन घरों को सील कर दिया गया है, और उनके 21 रिश्तेदारों को सरकारी देखभाल केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए, अतिरिक्त उपायुक्त दिल मीर के नेतृत्व में एक टीम ने जांच अभियान शुरू किया है, जिसमें सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक वजाहत हुसैन की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
लेकिन अभी तक किसी भी वायरल, बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण के सबूत नहीं मिल पाए हैं। इस स्थिति में अब तक 2,000 से अधिक सैंपल लैब भेजे जा चुके हैं, लेकिन इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बीच, यह स्थिति अब भी पहेली बनी हुई है, और वे विभिन्न संभावनाओं की जांच कर रहे हैं।
सरकार का बयान:
मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने कहा, “हम इस स्थिति पर हर पहलू से नजर बनाए हुए हैं। इन मौतों के कारण का पता लगाने के लिए कई स्वास्थ्य एजेंसियां जांच कर रही हैं।” उन्होंने कहा कि सभी संभावित कारणों को ध्यान में रखते हुए जांच जारी है। साथ ही, किसी भी आपराधिक पहलू की भी जांच की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि कहीं किसी बाहरी तत्व का तो इसमें हाथ नहीं है।
खाद्य पदार्थ और दवाओं की जांच:
अधिकारियों ने यह भी बताया कि जांचकर्ता फजल, मोहम्मद रफीक और मोहम्मद असलम के परिवारों द्वारा खाए गए खाद्य पदार्थों और दवाओं का भी परीक्षण करेंगे। इसके लिए नमूने फिर से लैब भेजे जाएंगे। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग गांव से सैकड़ों नमूने लेकर उन्हें देश के प्रमुख प्रयोगशालाओं में भेज चुका है, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार के संक्रमण या वायरस के सबूत नहीं मिल सके हैं।
गांव में डर का माहौल:
हालांकि जांच जारी है, लेकिन यह स्थिति गांव के लोगों में भय का माहौल उत्पन्न कर चुकी है। लोग समझ नहीं पा रहे कि यह रहस्यमयी बीमारी किस कारण फैल रही है और इसके कारण अब तक इतनी सारी मौतें हो चुकी हैं। मौतों का सिलसिला अब भी जारी है, और इसके पीछे का रहस्य अब तक सामने नहीं आ पाया है।
इस पूरी घटना ने राजौरी जिले और राज्य भर में एक बड़े सवाल को जन्म दिया है, कि क्या यह कोई नया संक्रमण या वायरस हो सकता है, या फिर इसके पीछे कोई अन्य कारण है, जो अब तक छिपा हुआ है? जांच टीमों का कहना है कि जब तक सभी पहलुओं की गहराई से जांच नहीं की जाएगी, तब तक इस रहस्यमय बीमारी के कारण का खुलासा नहीं हो सकता।
राजौरी के इस गांव में हो रही मौतों की यह अनसुलझी गुत्थी न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए बल्कि पूरे राज्य के स्वास्थ्य विभाग के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में जांचों के क्या परिणाम सामने आते हैं, और इस रहस्य से पर्दा कब उठेगा।
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