जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र में गिलानी को श्रद्धांजलि, उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव को बताया ‘फिजूल’!

जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र छह साल बाद शुरू हुआ, लेकिन इस सत्र में विवाद गहराता जा रहा है। सत्र के दूसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर द्वारा जारी की गई सूची में कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को श्रद्धांजलि दी गई। गिलानी, जिन्होंने तीन बार सोपोर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था, को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पीडीपी विधायक रफीक नाइक ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए सदन को उन्हें पूर्व विधायक के रूप में याद रखना चाहिए।
विधानसभा में गिलानी के अलावा पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन मल्होत्रा जैसे राष्ट्रीय नेताओं के नाम भी श्रद्धांजलि सूची में शामिल किए गए। हालांकि, इस निर्णय ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है, खासकर उन दलों के लिए जो गिलानी के अलगाववादी रुख का विरोध करते रहे हैं।
वहीं, विधानसभा के पहले दिन अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए लाए गए प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे ‘फिजूल’ और ‘कैमरों के लिए प्रदर्शन’ बताया, और कहा कि अगर इसके पीछे कोई वास्तविक मंशा होती, तो केंद्र शासित प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ इस पर चर्चा की जाती।
इस सत्र की शुरुआत से ही जम्मू-कश्मीर में राजनीति और इतिहास के संवेदनशील मुद्दे फिर से सुर्खियों में हैं, और देखना होगा कि आने वाले दिनों में विधानसभा में और क्या अहम फैसले लिए जाते हैं।
Share this content: