अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी में उबाल: कमला हैरिस ने ट्रंप पर कसा शिकंजा

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में केवल एक सप्ताह बचा है, और 47वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए तैयार हैं। 5 नवंबर को होने वाले इस चुनाव में अमेरिकी नागरिक केवल राष्ट्रपति के लिए नहीं, बल्कि विभिन्न संघीय, राज्य और स्थानीय पदों के लिए भी मतदान करेंगे। इस बीच, राष्ट्रपति उम्मीदवारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल तेज हो गया है, जिसमें उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं।
कमला हैरिस का कड़ा हमला
मंगलवार को वाशिंगटन में अपने चुनाव प्रचार की अंतिम सभा में, कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा, “यह चुनाव केवल दो पार्टियों और दो अलग-अलग उम्मीदवारों के बीच नहीं है। यह चुनाव इस बारे में है कि क्या हम एक आजाद देश में रहना चाहते हैं या फिर अराजकता और विभाजन की स्थिति में।”
उन्होंने 2021 में यूएस कैपिटल पर हुए हमले का संदर्भ देते हुए ट्रंप को अस्थिर और बदला लेने वाला व्यक्ति बताया। “डोनाल्ड ट्रंप एक ऐसा व्यक्ति है जिसने अपने समर्थकों को भड़काया और देश में अराजकता फैलाने का काम किया,” हैरिस ने आरोप लगाया।
सभी अमेरिकियों के राष्ट्रपति बनने का वादा
कमला ने बिना किसी भेदभाव के सभी अमेरिकियों का राष्ट्रपति बनने का आश्वासन दिया। उनका यह बयान उस समय आया जब ट्रंप ने न्यूयॉर्क में हुई नस्लवादी रैली को “प्रेम उत्सव” बताया था। हैरिस ने ट्रंप पर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ अमेरिकी सेना का इस्तेमाल करने और दुश्मनों को जेल में डालने के आरोप लगाए।
वाशिंगटन में अपने समर्थकों के बीच खड़े होकर, हैरिस ने कहा, “यह एक ऐसा व्यक्ति है जो अनियंत्रित शक्ति चाहता है और शिकायतों से भरा हुआ है। लेकिन मैं यहां यह बताने आई हूं कि हम ऐसे नहीं हैं।”
जनसैलाब का उमंग
कमला हैरिस की क्लोजिंग सभा में भाग लेने के लिए लोग 5 से 7 घंटे तक कतार में खड़े रहे। उनके समर्थकों ने हाथों में आजादी के बैनर लिए हुए थे। एक समर्थक ग्लुक्रॉफ्ट ने AFP को बताया, “आज रात आशा और स्वतंत्रता के बारे में है।”
जैसे-जैसे चुनाव का दिन नजदीक आ रहा है, राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है, और सभी की निगाहें अमेरिका के भविष्य की ओर हैं। क्या कमला हैरिस अपने हमलों से ट्रंप को पीछे छोड़ पाएंगी, या ट्रंप अपनी चुनावी ताकत को बनाए रखेंगे? यह सब आगामी चुनाव में ही स्पष्ट होगा।
Share this content: