महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिंदे सरकार का बड़ा फैसला: मदरसा शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी और ओबीसी क्रीमी लेयर की सीमा में इजाफा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पूर्व, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें 16 अहम फैसले लिए गए। इनमें से एक प्रमुख निर्णय था राज्य के मदरसों में शिक्षकों के वेतन में वृद्धि। अब मदरसों में डीएड और बीएड शिक्षकों को अधिक वेतन दिया जाएगा, जिससे उनकी मौजूदा वेतन दर में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की जाएगी।
कैबिनेट ने यह भी फैसला किया कि वर्तमान में डीएड शिक्षकों को 6,000 रुपये का वेतन बढ़ाकर 16,000 रुपये किया जाएगा। वहीं, बीएड और बीएससी-बीएड शिक्षकों का वेतन 8,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया जाएगा। यह निर्णय “डॉ जाकिर हुसैन मदरसा आधुनिकीकरण योजना” के तहत पारंपरिक और धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ गणित, विज्ञान, समाजशास्त्र, हिंदी, मराठी, अंग्रेजी और उर्दू की शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति के लिए लिया गया है।
इसके साथ ही, कैबिनेट ने अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के नॉन क्रीमी लेयर की आय सीमा को 8 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने का प्रस्ताव भी पारित किया। यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जिसमें आय सीमा को बढ़ाने का अनुरोध किया जाएगा।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की तैयारियों के तहत शिंदे सरकार ने मुस्लिम समुदाय और अन्य पिछड़े वर्गों को लुभाने के लिए ये कदम उठाए हैं। इससे पहले, राज्य सरकार ने 15 जातियों को ओबीसी में शामिल करने के लिए केंद्र को सिफारिश भी भेजी थी।
इस बैठक में दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को भारत रत्न देने की सिफारिश भी की गई, जिससे सरकार ने उनके योगदान को मान्यता दी। यह सभी निर्णय चुनावी माहौल में सरकार की सक्रियता को दर्शाते हैं।
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