July 1, 2025

रतलाम पुलिस का अनोखा तरीका, शराबियों की पहचान के लिए चूने की लकीरों पर चलाया, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

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मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में पुलिस ने शराब पीकर वाहन चलाने वालों की पहचान करने के लिए एक नया और अनोखा तरीका अपनाया है, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन चुका है। रतलाम पुलिस ने ब्रीथ एनालाइज़र की बजाय सड़क पर बनी चूने की सीधी लाइनों पर लोगों को चलवाकर यह तय किया कि वे नशे में हैं या नहीं। यदि कोई व्यक्ति इन लकीरों पर चलते हुए लड़खड़ाता है, तो उसे नशे में वाहन चलाने के आरोप में रोककर कार्रवाई की जाती है।

चूने की लकीरों पर चलकर किया नशे में वाहन चलाने वालों का परीक्षण
रतलाम पुलिस ने यह नया तरीका खासतौर पर सड़क हादसों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए अपनाया है। पिछले कुछ महीनों में जिले में शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुए हादसों में बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे पुलिस प्रशासन में खलबली मची हुई थी। इसी वजह से पुलिस ने ब्रीथ एनालाइज़र के बजाय सड़क पर चूने की लकीरों का इस्तेमाल किया।

पुलिस का मानना है कि जब कोई व्यक्ति शराब के असर में होता है तो वह चलने में ठीक से संतुलन नहीं बना पाता और लकीरों पर ठीक से चल नहीं पाता। इसलिए, यदि कोई व्यक्ति चूने की लकीरों पर चलते समय गिरता है या लड़खड़ाता है, तो पुलिस उसे नशे में होने का संदेह मानकर तुरंत रोकती है और कार्रवाई करती है।

वीडियो हुआ वायरल, पुलिस की इस नई पहल को मिली सराहना
रतलाम पुलिस के इस अनोखे तरीके का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस असामान्य जांच प्रक्रिया को देखकर चौंक गए, और इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। स्थानीय निवासियों ने इस पहल का स्वागत किया है और पुलिस की तारीफ भी की है। लोगों का कहना है कि यह तरीका न केवल प्रभावी है, बल्कि यह पुलिस के रचनात्मक प्रयासों का उदाहरण भी पेश करता है।

हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस के पास ब्रीथ एनालाइज़र उपकरण नहीं थे, इसलिए इस तरह का “जुगाड़” अपनाया गया है। फिर भी, इस तरीके को लेकर कहीं न कहीं पुलिस की पहल को सराहा गया है क्योंकि यह शराब पीकर गाड़ी चलाने के खिलाफ एक सख्त संदेश भी देता है।

सड़क हादसों में बढ़ोतरी के कारण बढ़ी सख्ती
रतलाम पुलिस ने बताया कि जिले में पिछले कुछ महीनों में शराब पीकर वाहन चलाने से कई सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें से कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसी कारण पुलिस ने यह नया तरीका अपनाया है ताकि शराब के प्रभाव में वाहन चलाने वालों को रोका जा सके और दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके।

पुलिस ने इस दौरान यह भी बताया कि जो लोग सड़क पर बनी चूने की लकीरों पर सही से चलते हैं, उनका मानना है कि वे नशे में नहीं हैं और वे वाहन चलाने के लिए फिट हैं। लेकिन जो लोग लकीरों पर चलते वक्त लड़खड़ाते हैं, उन्हें नशे में होने का संदेह हुआ और उनकी जांच के बाद कार्रवाई की गई।

पुलिस की पहल पर जनता की प्रतिक्रिया
रात भर चलने वाली इस चेकिंग अभियान ने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया। शुरुआत में कुछ लोग समझ नहीं पाए कि पुलिस क्यों इस अजीब तरीके से जांच कर रही है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, लोगों ने इसकी सराहना शुरू कर दी। कुछ लोगों ने इसे एक नया तरीका मानते हुए पुलिस के इस कदम की तारीफ की, जबकि कुछ ने इसे महज एक तात्कालिक समाधान के तौर पर देखा।

चाहे कुछ भी हो, पुलिस का यह नया तरीका आजकल सोशल मीडिया पर छाया हुआ है और इसके वीडियो पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इस कदम को बेहद क्रिएटिव बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे नकल के तौर पर देख रहे हैं।

नशे में गाड़ी चलाने से बढ़े हादसे, पुलिस का नया तरीका कारगर साबित हो सकता है
हालांकि, यह नया तरीका ब्रीथ एनालाइज़र के मुकाबले थोड़ी असामान्य तकनीक हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से नशे में वाहन चलाने के खिलाफ एक प्रभावी कदम हो सकता है। जब तक नशे की हालत में वाहन चलाना एक गंभीर खतरे के रूप में सामने आता रहेगा, तब तक पुलिस इस तरह के नवाचारों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास करती रहेगी।

यह कदम रतलाम पुलिस की कार्यकुशलता और रचनात्मकता को भी दर्शाता है, और इस तरह के कदम अन्य जिलों में भी अपनाए जा सकते हैं। अब देखना यह है कि क्या यह तरीका लंबी अवधि तक सफल रहता है और क्या अन्य जगहों पर भी इसे लागू किया जाएगा।

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