एनआईए की बड़ी सफलता: लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सलमान रहमान खान को इंटरपोल की मदद से रवांडा से भारत लाया गया

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद से जुड़े मामलों में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सक्रिय सदस्य सलमान रहमान खान को इंटरपोल चैनलों के माध्यम से रवांडा से भारत लाया गया है। इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और इंटरपोल के ग्लोबल ऑपरेशंस सेंटर ने सक्रिय भूमिका निभाई, जिन्होंने एनआईए के साथ मिलकर इस अपराधी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की।
एनआईए की सख्त कार्रवाई: आतंकी गतिविधियों के लिए हथियार और विस्फोटक मुहैया कराए
सलमान रहमान खान को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए दोषी पाया गया है। एनआईए ने उसके खिलाफ आपराधिक साजिश, आतंकी संगठन का सदस्य होने, आतंकी संगठन को सहायता प्रदान करने और शस्त्र एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। इसके अतिरिक्त, खान ने बेंगलुरु में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री मुहैया कराई थी। बेंगलुरु के हेब्बल पुलिस स्टेशन में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी, जो इस आतंकवादी गतिविधि की गंभीरता को दर्शाता है।
इंटरपोल के जरिए रेड नोटिस और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
एनआईए के अनुरोध पर, 2 अगस्त को सीबीआई ने इंटरपोल से सलमान रहमान खान के खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया। यह नोटिस दुनिया भर के कानून प्रवर्तन एजेंसियों तक भेजा गया था, ताकि खान को गिरफ्तार किया जा सके। इसके बाद, इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो-किगाली (रवांडा) के सहयोग से सलमान को रवांडा में ट्रैक किया गया। अंततः, 29 नवंबर को एनआईए की सुरक्षा टीम ने उसे भारत वापस लाया, जहां उसे भारतीय न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना होगा।
केरल में कई गंभीर मामले और पिछले अपराध
सलमान रहमान खान की गिरफ्तारी का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि वह केरल में भी कई गंभीर अपराधों में संलिप्त था। केरल पुलिस ने नाबालिग के साथ बलात्कार और यौन अपराधों की धाराओं में मन्नारकाड पुलिस स्टेशन और पट्टांबी में उसके खिलाफ मामले दर्ज किए थे। इन मामलों के तहत सीबीआई ने रेड नोटिस जारी किया था और इंटरपोल ने इसे सऊदी अरब में ट्रैक किया, जहां से उसे वापस लाया गया।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश
एनआईए की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर प्रभावी कार्रवाई करने में सक्षम है। एनआईए और सीबीआई की संयुक्त कोशिशों ने न केवल सलमान रहमान खान को गिरफ्तार करने में मदद की, बल्कि यह आतंकवादी गतिविधियों को खत्म करने के लिए भारत के दृढ़ नायक के रूप में उभरा है। इससे यह भी संदेश जाता है कि भारत आतंकवादियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है, चाहे वे कहीं भी छुपे हों।
भारत में सलमान रहमान खान की वापसी से यह सवाल भी उठता है कि क्या भविष्य में और अधिक आतंकवादियों को इसी तरह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पकड़ा जा सकता है। यह कार्रवाई न केवल भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सफलता को दर्शाती है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में एक साझा लड़ाई का भी संकेत देती है।
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