पुतिन की परमाणु युद्ध की तैयारी: रूस के ‘शैतान-2’ मिसाइल से पश्चिमी देशों को मिल सकती है भयावह चेतावनी

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच, पश्चिमी देशों के लगातार हस्तक्षेप और यूक्रेन को दी जा रही सैन्य मदद के खिलाफ रूस ने अपने परमाणु हथियारों की ताकत को फिर से उजागर करने की तैयारी कर ली है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में एक ऐसी परमाणु मिसाइल को जंग के मैदान में उतारने की योजना बनाई है, जो अमेरिका और यूरोप में कहीं भी न्यूक्लियर हमला करने की क्षमता रखती है। पुतिन की इस खतरनाक योजना से पश्चिमी देशों के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती उत्पन्न हो सकती है।
रूस की ‘शैतान-2’ मिसाइल की तैनाती: क्या है इसका खतरनाक असर?
रूस की स्टेट मीडिया से आई रिपोर्ट्स के अनुसार, पुतिन अब अपने सबसे ताकतवर हथियार, RS-28 सरमत मिसाइल, जिसे ‘शैतान-2’ के नाम से जाना जाता है, को जंग के मैदान में उतारने की योजना बना रहे हैं। यह मिसाइल अपनी विशाल क्षमता के कारण दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों में शुमार है। सरमत मिसाइल न केवल कई न्यूक्लियर वॉरहेड्स को अपने साथ ले जाने में सक्षम है, बल्कि यह हजारों किलोमीटर दूर तक हमला करने की ताकत रखती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर यह मिसाइल सही तरीके से लॉन्च होती है, तो एक ही धमाके में यह पूरे ब्रिटेन को तबाह कर सकती है।
2016 में पुतिन ने RS-28 सरमत को दुनिया के सामने पेश किया था, और इसके बाद इस मिसाइल को लेकर कई परीक्षण किए गए थे। हालांकि, इस साल सितंबर में हुए एक परीक्षण में यह मिसाइल पूरी तरह से विफल हो गई थी, जिसके बाद विशेषज्ञों ने इसकी क्षमता पर सवाल उठाए थे। इसके बावजूद पुतिन अब इस मिसाइल को रूस की परमाणु नीति का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रहे हैं।
यूक्रेन और NATO देशों के खिलाफ प्रतिक्रिया: पुतिन की रणनीति क्या होगी?
पुतिन की योजना में सबसे अहम बात यह है कि जब से यूक्रेन को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा लंबी दूरी की मिसाइलों की आपूर्ति की गई है, रूस को लगातार इन मिसाइलों से हमलों का सामना करना पड़ रहा है। हाल के दिनों में, यूक्रेन ने ATACMS और ब्रिटेन की स्टॉर्म शैडो मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए रूस के खिलाफ हमला किया है। इन हमलों को लेकर मॉस्को ने नाटो देशों और यूक्रेन को ठोस जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है, और पुतिन ने साफ कर दिया कि इन हमलों के खिलाफ रूस को हर हाल में जवाब देना होगा।
पुतिन ने इस संकट के बीच अपनी परमाणु नीति में बदलाव करते हुए एक कड़ी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर पश्चिमी देशों की मिसाइलें रूस की ज़मीन पर गिरीं, तो रूस परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर सकता है। यह बयान रूस के लिए परमाणु युद्ध की तरफ बढ़ने की ओर एक खतरनाक कदम था और ‘शैतान-2’ मिसाइल की तैनाती की योजना पुतिन की इसी चेतावनी का हिस्सा मानी जा रही है।
क्या पश्चिमी देशों को मिल सकती है गंभीर प्रतिक्रिया?
पुतिन की परमाणु हमले की तैयारी से पश्चिमी देशों में खलबली मच गई है। रूस की ‘शैतान-2’ मिसाइल की तैनाती के बाद, पश्चिमी देशों को अब यह सोचने पर मजबूर होना पड़ सकता है कि क्या वे इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए कोई और रास्ता तलाशेंगे। खासकर, अमेरिका और यूरोप में इस मिसाइल के खतरे को लेकर चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि यह पूरी तरह से रूस के आक्रामक कदमों का जवाब देने का एक तरीक़ा बन सकता है।
इसके बावजूद, अगर रूस ने वास्तव में इस मिसाइल का परीक्षण किया और उसे जंग के मैदान में उतारा, तो यह युद्ध के रूप में एक नई धारा पैदा कर सकता है। पश्चिमी देशों को यह तय करना होगा कि वे रूस के परमाणु खतरों के सामने किस रणनीति के साथ खड़े होंगे।
परमाणु युद्ध की कगार पर रूस: क्या होगा अगला कदम?
रूस की परमाणु नीति में बदलाव और ‘शैतान-2’ मिसाइल की तैनाती से यह साफ हो गया है कि पुतिन अब परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने को लेकर गंभीर हैं। हालांकि, इस स्थिति को और भी जटिल बनाने वाली बात यह है कि पुतिन ने पिछले कुछ महीनों में पश्चिमी देशों के खिलाफ आक्रामक बयान दिए हैं, और अब वह इस रणनीति को एक नए स्तर तक ले जाने के लिए तैयार हैं।
इससे यह सवाल उठता है कि क्या यूक्रेन युद्ध परमाणु युद्ध में बदलने की कगार पर पहुंच चुका है, और क्या पश्चिमी देशों को इस स्थिति से निपटने के लिए एक और रणनीति की आवश्यकता होगी। पुतिन का यह कदम निश्चित रूप से विश्व राजनीति में एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है, और इसकी प्रतिक्रिया वैश्विक स्तर पर महसूस की जा सकती है।
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