July 1, 2025

पूर्णिया पुलिस और एसटीएफ ने डकैत सुशील मोची को एनकाउंटर में मार गिराया, 100 से ज्यादा डकैती घटनाओं में था शामिल

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बिहार के पूर्णिया जिले में पुलिस और एसटीएफ ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने मशहूर डकैत सुशील मोची को एनकाउंटर में मार गिराया है, जो अपने गिरोह के साथ बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में दर्जनों डकैती की वारदातों को अंजाम दे चुका था। इस एनकाउंटर में सुशील मोची की मौत अमौर थाना क्षेत्र के ताराबाड़ी घाट के पास हुई, जहां पुलिस ने उसे सरेंडर करने का मौका दिया, लेकिन उसने जवाबी गोलीबारी शुरू कर दी।

पुलिस को मिली गुप्त सूचना के बाद, एसटीएफ और अमौर थाने की टीम मौके पर पहुंची। जब पुलिस ने सुशील मोची को सरेंडर करने को कहा, तो उसने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग की। दोनों तरफ से गोलीबारी करीब 10 मिनट तक चली। इसके बाद पुलिस ने आसपास के मक्के के खेतों में सर्च अभियान चलाया और वहां एक शव बरामद किया। शव की पहचान सुशील मोची के रूप में हुई।

बिहार पुलिस ने सुशील पर रखा था 1.50 लाख का इनाम

सुशील मोची पर बिहार पुलिस ने 1.50 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, क्योंकि वह पिछले कई सालों से डकैती, लूट और आतंक फैलाने का काम कर रहा था। उसकी मौत की सूचना मिलते ही पूर्णिया के एसपी कार्तिकेय शर्मा और डीआईजी प्रमोद कुमार मण्डल मौके पर पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। एफएसएल की टीम ने भी घटनास्थल से सबूत जुटाए और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

सुशील मोची का गिरोह और उसके अपराध

सुशील मोची के गिरोह ने पश्चिम बंगाल, झारखंड, कटिहार, अररिया, किशनगंज जैसे इलाकों में करीब 100 से ज्यादा डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया था। हालांकि पुलिस थानों में इन घटनाओं के 28 मामले दर्ज थे। सुशील का गिरोह मुख्य रूप से बंगाल के अपराधियों से जुड़ा हुआ था, और इसमें लगभग 20 डकैत थे, जिनमें से ज्यादातर बंगाल के थे।

सुशील मोची बम बनाने में भी माहिर था और डकैती के दौरान यह हथियार और बम तैयार करने में माहिर था। यह किसी भी अपराध को अंजाम देने के लिए कभी भी खाली हाथ जाता था, ताकि उसे रास्ते में पकड़ा न जा सके। बताया जाता है कि वह हमेशा अपने गिरोह के लोगों को भिखारी के रूप में घटनास्थल पर भेजता था ताकि जब वह वहां पहुंचे, तो हथियार मिल जाएं।

सुशील मोची का आपराधिक इतिहास

सुशील मोची का आपराधिक इतिहास बहुत पुराना था। वह हाल ही में कटिहार जेल से छूटकर अपने गिरोह के साथ अपराधों को अंजाम देने के लिए सक्रिय हो गया था। कुछ महीनों पहले, पूर्णिया पुलिस ने उसकी पत्नी को लूट के सामान के साथ गिरफ्तार किया था। अब उसकी मौत के बाद पुलिस को उम्मीद है कि उसका गिरोह भी धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा।

यह एनकाउंटर पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि सुशील मोची जैसे अपराधियों का गिरोह पूरे क्षेत्र में खौफ का माहौल बनाए हुए था। पुलिस ने इसके गिरोह के अन्य अपराधियों को पकड़ने के लिए और सर्च अभियान चलाने की योजना बनाई है।

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