यूएई में इजराइली रब्बी की हत्या: संदिग्धों की गिरफ्तारी, जांच जारी

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अधिकारियों ने रविवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने दुबई में एक इजराइली-मोल्दोवन रब्बी ज़वी कोगन की हत्या में शामिल तीन संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, मंत्रालय ने इन संदिग्धों की पहचान और हत्या में उनकी भूमिका के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है। यूएई के अधिकारियों ने कहा कि वे इस मामले में कोई ढील नहीं बरतेंगे और किसी भी प्रकार की सामाजिक स्थिरता को खतरे में डालने वाली घटनाओं पर निर्णायक कार्रवाई करेंगे।
कोगन का शव मिला, संदिग्धों की पहचान
28 वर्षीय रब्बी ज़वी कोगन, जो कि यूएई में रूढ़िवादी यहूदी समूह चबाड के सदस्य थे, गुरुवार को दुबई में लापता हो गए थे। उनके लापता होने के बाद इजराइली अधिकारियों ने शुक्रवार को पुष्टि की कि उनका शव अबू धाबी से लगभग 150 किलोमीटर दूर, ओमान की सीमा के पास स्थित अल ऐन में मिला। रब्बी कोगन की कार को अल ऐन में लावारिस हालत में पाया गया था, जिसमें संघर्ष के संकेत मिले थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारियों को संदेह है कि ईरान से जुड़े उज़्बेक नागरिकों ने इस हत्या को अंजाम दिया, और इसके बाद वे तुर्की भाग गए।
इजराइल ने हत्या को बताया आतंकवादी हमला
इजराइल ने इस हत्या को यहूदी विरोधी आतंकवादी हमला करार दिया है। इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस अपराध में शामिल सभी व्यक्तियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। उन्होंने यूएई अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के लिए धन्यवाद भी दिया। इस घटना के बाद यूएई के अधिकारियों ने कहा कि सभी गिरफ्तार संदिग्धों से पूछताछ जारी है और इस मामले में पूरी जांच पूरी होने पर उसके निष्कर्षों की घोषणा की जाएगी।
इजरायल के समर्थन में अमेरिका
अमेरिका ने भी इस हत्या की निंदा की और इसे शांति के पक्षधर लोगों के खिलाफ एक खतरनाक अपराध बताया। यूएई के साथ काम कर रहे इजराइली अधिकारियों के संपर्क में रहते हुए अमेरिकी प्रशासन ने अपराधियों को न्याय दिलाने का संकल्प लिया है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता सीन सेवेट ने इस हत्या को यूएई और उसके शांतिपूर्ण उद्देश्यों पर हमला करार दिया और इस मामले में यूएई की त्वरित कार्रवाई की सराहना की।
कोगन की पृष्ठभूमि और योगदान
रब्बी कोगन 2020 में इजराइल द्वारा यूएई के साथ रिश्तों को सामान्य करने के बाद अबू धाबी में चबाड संगठन का हिस्सा बने थे। उन्होंने और उनके साथी रब्बी लेवी यित्ज़चैक डचमैन ने यूएई में यहूदी जीवन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिनमें कोषेर भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना और देश में पहला यहूदी शिक्षा केंद्र खोलना शामिल था। कोगन ने 2021 में खाड़ी क्षेत्र में पहली बार होलोकॉस्ट स्मरण दिवस समारोह में भाग लिया और यिजकोर प्रार्थना का नेतृत्व किया।
आतंकवादियों से जुड़ी आशंका और यात्रा पर चेतावनी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइली अधिकारियों ने यूएई की यात्रा के लिए अपनी चेतावनी को फिर से जारी किया है। उन्होंने इजराइली नागरिकों से कहा है कि वे यूएई की यात्रा करने से बचें और यदि जाना भी हो तो केवल सुरक्षित क्षेत्रों में रहें और यहूदी आबादी से जुड़े स्थानों से दूर रहें। इस हत्या से यह भी स्पष्ट हो गया है कि यूएई में यहूदी समुदाय पर बढ़ते खतरों के बावजूद, सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
यूएई का कड़ा संदेश
यूएई के अधिकारियों ने इस मामले में स्पष्ट रूप से कहा है कि वे अपने नागरिकों और निवासियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हैं और किसी भी हमले को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। यूएई के बयान में यह भी कहा गया कि कोगन का शव जल्द ही इजराइल भेज दिया जाएगा और जांच पूरी होने पर मामले के सभी पहलुओं का खुलासा किया जाएगा।
यूएई में बढ़ता यहूदी समुदाय और सुरक्षा चिंताएँ
यूएई में यहूदी समुदाय की संख्या पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है, खासकर 2020 में हुए अब्राहम समझौते के बाद, जिसके तहत इजराइल और यूएई के बीच राजनयिक संबंध स्थापित किए गए थे। लेकिन हाल के दिनों में, खासकर 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के हमले के बाद से, यूएई में सुरक्षा चिंताएं बढ़ी हैं। इसके कारण दुबई में कई अनौपचारिक यहूदी प्रार्थनास्थल बंद कर दिए गए और यहूदी समुदाय के लोग अब घर पर ही प्रार्थना करने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं।
यूएई में स्थित केवल एक आधिकारिक आराधनालय अबू धाबी में खुला है, जबकि दुबई में ऐसा कोई आधिकारिक स्थल नहीं है। यहूदी समुदाय के लोग अब अधिक सतर्कता बरतते हुए अपने धार्मिक स्थल और कार्यों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों पर निर्भर हैं।
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि यूएई जैसे देशों में बढ़ते धार्मिक तनाव और आतंकवादी हमलों के खतरों के बावजूद, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर ऐसे अपराधों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी, ताकि शांति और सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके।
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