मणिपुर हिंसा: मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने माफी मांगी, कहा “पिछली गलतियों को भूलकर आगे बढ़ें”
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोमवार को राज्य के लोगों से माफी मांगते हुए कहा कि यह पूरा साल मणिपुर के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा, “पिछले साल 3 मई से अब तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए मैं मणिपुर के लोगों से माफी मांगता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है और कई बेघर हो गए हैं। यह मेरे लिए दुखद है।” मुख्यमंत्री ने यह बात एक सार्वजनिक बयान में कही, जिसमें उन्होंने मणिपुर में हुए हिंसक घटनाओं और उनके प्रभाव के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की।
बीरेन सिंह ने कहा कि, “पिछले कुछ महीनों में शांति की दिशा में कुछ प्रगति देखी गई है, और मैं आशा करता हूं कि नए साल 2025 में मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति पुनः स्थापित होगी।” उन्होंने राज्य के सभी समुदायों से अपील की कि “जो हुआ सो हुआ, अब हमें पिछली गलतियों को भूलकर एक साथ एक नया जीवन शुरू करना होगा।” मुख्यमंत्री ने मणिपुर की शांति और समृद्धि के लिए सभी को एकजुट होने का आह्वान किया।
राज्य में हिंसा की घातक स्थिति और सरकारी प्रयास
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मणिपुर में अब तक करीब 200 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और इस हिंसा में 12,247 एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि 625 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, और सुरक्षा बलों ने 5,600 से अधिक हथियार और विस्फोटक सहित लगभग 35,000 गोला-बारूद बरामद किए हैं। मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार ने हिंसा से प्रभावित हुए लोगों को मदद देने के लिए कई कदम उठाए हैं। बेघर हुए परिवारों के लिए नए घर बनाने के लिए सरकार ने पर्याप्त धनराशि आवंटित की है और सुरक्षा बलों की तैनाती भी बढ़ाई है।
मणिपुर में हिंसा और अस्थिरता का इतिहास
मणिपुर में हिंसा की शुरुआत 2024 के पहले ही दिन से हो गई थी, जब एक जनवरी को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के हमलावरों ने चार लोगों की हत्या कर दी। इसके बाद की घटनाओं में हिंसा ने विकराल रूप लिया, और फरवरी में इंफाल ईस्ट जिले में सुरक्षा बलों पर हमले हुए। अप्रैल में, जातीय तनाव के बीच लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें भारी हिंसा देखी गई। इन घटनाओं के बाद हिंसा का दायरा मणिपुर की सीमा के बाहर भी फैल गया, और जून में असम के सीमा क्षेत्र में भी स्थिति बिगड़ी।
सितंबर में एक ड्रोन हमला हुआ, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। इसके बाद नवंबर में मणिपुर-असम सीमा पर महिलाओं और बच्चों के शवों की बरामदगी ने स्थिति को और खराब कर दिया। इस समय तक मणिपुर में सामाजिक तनाव और हिंसा की घटनाओं ने जनता के बीच भय का माहौल बना दिया था।
मुख्यमंत्री की अपील: शांति की स्थापना के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने यह भी कहा कि मणिपुर के सभी नागरिकों को अब इस हिंसा और अस्थिरता से उबरने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने हिंसा के लिए जिम्मेदार तत्वों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि राज्य में शांति और सामूहिक सहयोग से ही शांति की स्थायी बहाली हो सकती है।
इस परिज्ञान और संघर्ष के बीच, मुख्यमंत्री ने मणिपुर की जनता से यह भी आग्रह किया कि वे अपनी पुरानी कड़वाहटों और विवादों को पीछे छोड़कर एक नए अध्याय की शुरुआत करें और मिलकर मणिपुर को शांति और समृद्धि की ओर अग्रसर करें।
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