पालतू कुत्ते की मौत के बाद मालिक का अनोखा कदम, तेरहवीं और दशाकर्म ने गांव में मचाया हंगामा

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के सारंगपुर स्थित सुल्तानिया गांव में एक युवक ने अपने पालतू कुत्ते की मौत के बाद ऐसा कदम उठाया, जो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। जीवन नागर नामक युवक का जर्मन शेफर्ड कुत्ता 10 जनवरी को बीमार हुआ और इलाज के लिए पहले पास के अस्पताल में गया, लेकिन जब वहां सुधार नहीं हुआ, तो उसे भोपाल लेकर गया। हालांकि, इलाज के दौरान कुत्ते की हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई।
कुत्ते के निधन के बाद जीवन ने उसे पूरी श्रद्धा के साथ गांव में दफनाया और फिर उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार दशाकर्म किया। इस आयोजन में न केवल परिवार, बल्कि गांव और आसपास के क्षेत्रों के करीब 1000 लोग शामिल हुए, जहां मृत्युभोज का आयोजन किया गया। इस तेरहवीं और दशाकर्म के आयोजन ने गांव में और आसपास के क्षेत्रों में हलचल मचा दी। कुछ लोग इसे अतिशयोक्ति मान रहे हैं, तो कुछ ने इसे पालतू जानवरों के प्रति गहरी जिम्मेदारी और प्रेम का आदर्श उदाहरण बताया।
इस घटना ने लोगों के बीच कई सवाल उठाए हैं, लेकिन जीवन का कहना है कि उसके लिए उसका कुत्ता केवल एक जानवर नहीं, बल्कि परिवार का सदस्य था। इस कदम ने पालतू जानवरों के प्रति सच्चे प्रेम और कर्तव्यों को एक नई परिभाषा दी
है।
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